अगर आपके मन मे भी ये सवाल उठ रहा है कि कंप्यूटर क्या है, और आप कंप्यूटर संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आर्टीकल को पूरा पढ़े, क्योंकि आज के इस महत्वपूर्ण लेख में हम आपको कंप्यूटर संबंधित लगभग सभी जानकारी देने की कोशिश करेंगे।
विषय - सूची
1. कंप्यूटर क्या है.
2. कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार.
3. कंप्यूटर का अविष्कार किसने की.
4. कंप्यूटर के भाग.
5. कंप्यूटर काम कैसे करता है.
6. कंप्यूटर की पीढ़ियां.
7. कंप्यूटर का इतिहास.
8. निष्कर्ष (Conclusion)
तकनीकी सब्दो में कहें तो कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक device है, जिसे हिंदी में संगणक भी कहते है, जो किसी भी तरह के Data को प्राप्त (receive) करने, संग्रहीत तथा अन्य कार्य (process) को पूरा करने की सक्षमता रखती है।
सिंपल सब्दो में समझे तो कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक device या कहलो आधुनिक machine है, जो किसी भी यूजर से input को प्राप्त receive करता है और फिर यूजर द्वारा input किये गए data में प्रोसेस करके सूचनाओं को एकत्रित परिणाम के रूप में provide करता है, जिसे output भी कहते है।
कंप्यूटर इंग्लिश के आठ letters से मिलकर बना है, इन सभी letters का अलग अलग meaning होता है, जिसे आप नीचे पढ़ सकते हैं।
C ~ Common
O ~ Operating
M ~ Machine
P ~ Particularly
U ~ Used in
T ~ Technology
E ~ Education
R ~ Research
अर्थात, Common Operating Machine Particularly Used in Technology Education Research.
कंप्यूटर को मुख्य रुप से तीन भागो में विभाजित किया गया है.
1. कार्यप्रणाली (Mechanism)
2. उद्देश्य (purpose)
3. आकार (Size)
कार्यप्रणाली पर आधारित कंप्यूटर (Computer based on mechanism)
विषय - सूची
1. कंप्यूटर क्या है.
2. कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार.
3. कंप्यूटर का अविष्कार किसने की.
4. कंप्यूटर के भाग.
5. कंप्यूटर काम कैसे करता है.
6. कंप्यूटर की पीढ़ियां.
7. कंप्यूटर का इतिहास.
8. निष्कर्ष (Conclusion)
1. कंप्यूटर क्या है? (What is computer in hindi)
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Computer kya hai |
तकनीकी सब्दो में कहें तो कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक device है, जिसे हिंदी में संगणक भी कहते है, जो किसी भी तरह के Data को प्राप्त (receive) करने, संग्रहीत तथा अन्य कार्य (process) को पूरा करने की सक्षमता रखती है।
सिंपल सब्दो में समझे तो कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक device या कहलो आधुनिक machine है, जो किसी भी यूजर से input को प्राप्त receive करता है और फिर यूजर द्वारा input किये गए data में प्रोसेस करके सूचनाओं को एकत्रित परिणाम के रूप में provide करता है, जिसे output भी कहते है।
कंप्यूटर इंग्लिश के आठ letters से मिलकर बना है, इन सभी letters का अलग अलग meaning होता है, जिसे आप नीचे पढ़ सकते हैं।
C ~ Common
O ~ Operating
M ~ Machine
P ~ Particularly
U ~ Used in
T ~ Technology
E ~ Education
R ~ Research
अर्थात, Common Operating Machine Particularly Used in Technology Education Research.
2. कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार
कंप्यूटर को मुख्य रुप से तीन भागो में विभाजित किया गया है.
1. कार्यप्रणाली (Mechanism)
2. उद्देश्य (purpose)
3. आकार (Size)
कार्यप्रणाली पर आधारित कंप्यूटर (Computer based on mechanism)
- एनालॉग कंप्यूटर (Analog computer): एनालॉग कंप्यूटर वह कंप्यूटर है, जो भौतिक मात्राओं को मापने का कार्य करता है, जैसे दाब, तापमान, लंबाई और उचाई आदि को मापकर उनके परिमाप अंको में व्यक्त करते हैं, इनका प्रयोग since और engineering के क्षेत्र में किया जाता है, क्योंकि इन क्षेत्रो में परिमाप का अधिक प्रयोग होता है।
- डिजिटल कंप्यूटर (Digital computer): डिजिटल कंप्यूटर वह कंप्यूटर है, जिसमें दो अंक 0 और 1 जुड़े हुए हैं, जिसे की तकनीकी सब्दों में binary number system भी कहा जाता है, इन्हीं के आधार पर यह कार्य करता है, इन दो अंको को आप बिट भी कह सकते है। डिजिटल कंप्यूटर जैसे, डेस्कटॉप (Desktop) लैपटॉप (Laptop) टैबलेट (Tablet) स्मार्टफोन (Smartphone) आदि शामिल है।
- हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid computer): हायब्रिड कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर है, जो Analog computer और Digital computer का काम अकेले संभाल सकता है, हायब्रिड कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक गढ़ना (scientific calculation) चिकित्सा (treatment) और रक्षा प्रणालियों (Defense System) जैसे कामों में अधिक किया जाता है।
उद्देश्य पर आधारित कंप्यूटर (Computer based on purpose)
- सामान्य कंप्यूटर (General purpose computer): सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर का उपयोग दैनिक जीवन के विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिये किया जाता है, जैसे दस्तावेज (Documents) तैयार करना, पत्र (Letters) लिखना, गेम खेलना (Playing game) मनोरंजन (Entertainment) करना आदि शामिल है।
- विशेष कंप्यूटर (Special Purpose Computer): विशेष कंप्यूटर का उपयोग बड़े बड़े विशेष कामो को पूरा करने के लिए बनाया गया है। जैसे मौसम विभाग (Weather Department) कृषि विज्ञान (Agriculture Science) उपग्रह संचालन सिस्टम (Satellite Operating System) और ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (Traffic Control System) आदि शामिल है।
आकार पर आधारित कंप्यूटर (Computer based on Size)
- माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer): माइक्रो कंप्यूटर दो कारणों से कहा जाता है, पहला इस कंप्यूटर में Micro Processor का उपयोग किया जाता है, दूसरा ये कंप्यूटर दूसरे कंप्यूटर की अपेक्षा आकार में छोटे होते हैं। परन्तु इनकी कार्य प्रणाली दूसरे कंप्यूटर की अपेक्षा में लगभग बराबर होते है, इस कंप्यूटर पर सामान्यतः एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है। माइक्रो कंप्यूटर के उदाहरण; डेस्कटॉप (Desktop) लैपटॉप (Laptop) नोटबुक (Notebook) टेबलेट (Tablet) आदि शामिल है।
- मिनी कंप्यूटर (Mini Computer): मिनी कंप्यूटर मध्य आकार के Multiprocessing और MultiUser कंप्यूटर है, मिनी कंप्यूटर को एक मिड-रेंज कंप्यूटर भी कहा जाता है, ये कंप्यूटर Micro Computer से अच्छे और महंगे होते है, इस कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग (Scientific and Engineering) डेटाबेस प्रबंधन (Database Management) और व्यापार-लेनदेन (Business Transactions) आदि, के लिए किया जाता है। मिनी कंप्यूटर के उदाहरण; HP, 9000, RISC, 6000, BULL, HN-DPX2, और AS 400 आदि है।
- मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer): मेनफ्रेम कंप्यूटर अत्यधिक मात्रा में Data पर तीव्रता से कार्य (Process) करने की क्षमता रखती है, मेनफ्रेम कंप्यूटर आकार में काफी बड़े होते हैं, इस कंप्यूटर का उपयोग बड़ी बड़ी कंपनियों और सरकारी प्रतिष्ठानों द्वारा किया जाता है। मेनफ्रेम कंप्यूटर के निम्न उदाहरण; IBM 4381, ICL 39, CDC Cyber आदि।
- सुपर कंप्यूटर (Super Computer): सुपर कंप्यूटर मानव द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे तेज और शक्तिशाली कंप्यूटर है, जो सामान्य कंप्यूटर की तुलना में बहुत तेजी से Data की Processing करता है, सुपर कंप्यूटर बहुत महंगे होते है, इनका उपयोग बड़े बड़े संगठनों द्वारा सोध कार्य, अंतरिक्ष यात्रा, मौसम भविष्यवाणी, युद्ध के दौरान और अन्य तकनीक में किया जाता है।
3. कंप्यूटर का अविष्कार किसने की (Who Invented Computer in hindi)
कंप्यूटर का अविष्कार लगभग 19 वीं सदी के दशक में Charles Babbage नाम के एक व्यक्ति ने किया था। जिसको आज के समय मे कंप्यूटर का पिता भी कहा जाता है।
उन्होंने एक Analytical engine (firast mechanical computer) का डिज़ाइन किया था, और इसे ही आज के modern computer का basic framework माना गया है।
एक कंप्यूटर पर कार्य करने के लिये चार मुख्य Devices का हाथ होता है, जैसे मोनिटर, की बोर्ड, माउस, सी. पी. यू. शामिल है, चलिए इन सभी Devices को एक एक करके विस्तार रूप से समझते है।
मॉनिटर (Monitor)
मॉनिटर एक Display Unit होता है, यह कंप्यूटर पर हो रहे सभी कार्यों को दिखाता है, इसका आकार टेलीविजन की तरह दिखता है, परंतु मॉनिटर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं।
उन्होंने एक Analytical engine (firast mechanical computer) का डिज़ाइन किया था, और इसे ही आज के modern computer का basic framework माना गया है।
4. कंप्यूटर के मुख्य भाग (Component of Computer System in hindi)
एक कंप्यूटर पर कार्य करने के लिये चार मुख्य Devices का हाथ होता है, जैसे मोनिटर, की बोर्ड, माउस, सी. पी. यू. शामिल है, चलिए इन सभी Devices को एक एक करके विस्तार रूप से समझते है।
मॉनिटर (Monitor)
मॉनिटर एक Display Unit होता है, यह कंप्यूटर पर हो रहे सभी कार्यों को दिखाता है, इसका आकार टेलीविजन की तरह दिखता है, परंतु मॉनिटर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं।
- मोनोक्रोम (Monochrome): मोनोक्रोम दो सब्दों से मिलकर बना हैं, मोनो (Mono) अर्थात एकल और क्रोम (Chrome) अर्थात रंग से मिलकर बना है, इसलिए इसे single display computer कहते है, ये मॉनिटर आउटपुट को Black & White कलर में Displayed करता है।
- ग्रे-स्केल (gray scel): यह मॉनिटर हर तरह के डिसप्ले को ग्रे शेडस में Displayed करता है, इस तरह के मॉनिटर Laptops में अधिक प्रयोग किया जाता है।
- रंगीन मॉनिटर (Colour Monitor): ये मॉनिटर काफी अच्छे और महंगे होते है, ऐसे मॉनिटर उच्च रेजोल्यूशन में ग्राफिक्स को displayed करने में सक्षम होते हैं, ये मॉनिटर 16 से 16 लाख तक की रंगों में आउटपुट Displayed करने में क्षमता रखती है।
की-बोर्ड (key-bord)
की-बोर्ड का उपयोग कंप्यूटर टेक्स्ट टाइपिंग के लिए किया जाता है। अधिकांश की-बोर्ड में 104 की होती है, कइयों में इससे ज्यादा भी हो सकते है, की-बोर्ड की कुंजी को मुख्य चार भागों में बांटा गया है।
1. अल्फाबेटिक कुंजी
2. न्यूमेरिक कुंजी
3. फंक्शन कुंजी
4. कर्सर मूवमेंट कुंजी
इन चारों कुंजिओ के अलावा भी कुछ और की-बोर्ड कुंजी होती है। जिसको अक्सर Common या Special कुंजी के नाम से जाना जाता है।
उदाहरण:
उदाहरण:
- डिलेट कुंजी
- बैक स्पेस कुंजी
- एंटर कुंजी
- अल्टरनेट कुंजी
- कंट्रोल कुंजी
- स्पेस बार कुंजी
माउस (Mouse)
माउस वास्तविक रूप से चूहे जैसा दिखता है। माउस में तीन बटन होते हैं, left key, right key और scroll key.
Left key का इस्तेमाल ऑब्जेक्ट को चुनने और right key का इस्तेमाल विकल्प के लिए तथा scroll key का उपयोग pages को scroll करने के लिये किया जाता है।
सी.पी.यू. (C.P.U)
सी.पी.यू का फुल फॉर्म सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट है, यह सभी कंप्यूटर को नियंत्रित और संचालित करता है। सी.पी.यू. के तीन भाग होते हैं।
Left key का इस्तेमाल ऑब्जेक्ट को चुनने और right key का इस्तेमाल विकल्प के लिए तथा scroll key का उपयोग pages को scroll करने के लिये किया जाता है।
सी.पी.यू. (C.P.U)
सी.पी.यू का फुल फॉर्म सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट है, यह सभी कंप्यूटर को नियंत्रित और संचालित करता है। सी.पी.यू. के तीन भाग होते हैं।
- ए.एल.यू. (A.L.U.): ए. एल. यू. का फुल फॉर्म अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट है, यह सभी लॉजिकल और गणीतीय काम को पूरा करता है।
- सी.यू. (C.U.): सी.यू. का फुलफोर्म कंट्रोल यूनिट है, यह सभी भागो के कार्यों को Controlled करता है।
- एम.यू. (M.U.) का फुलफोर्म मेमोरी यूनिट है, एम. यू. Process किये गए Data को स्टोर करने का कार्य करता है।
5.कंप्यूटर काम कैसे करता है (How does the computer work)
जैसा कि हमने आपको शुरू में ही बताया कि कंप्यूटर एक तरह से modern machine है। यह एक ऐसी मशीन है, जो इनपुट डिवाइस के निर्देश के अनुसार Data को प्राप्त करता है, और प्राप्त किये गए Data को मेमोरी में स्टोर करके उसकी Processing करता है। और बाद में result को आउटपुट डिवाइस के माध्यम से यूजर तक पहुंचाता है।
data की प्रोसेसिंग (CPU) द्वारा की जाती है, इसके बाद वह Data आउटपुट डिवाइस (Monitor, Printer, Speaker) को भेज दिया जाता है, जिसके बाद आप देख, सुन, और प्रिंट कर सकते हैं।
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि कंप्यूटर का शुरुआत 19 वीं सदी के दौरान Charles Babbage द्वारा शुरू हुई थी उन्होंने
Analytical engine को डिज़ाइन किया था। जो आज के समय के कंप्यूटरो का मूल ढांचा आधारित है।
कंप्यूटर को पांच पीढ़ियों में Classified किया जा सकता है। कंप्यूटर की पीढ़िया यानी कि जैसे जैसे कंप्यूटर में विकास होते गए उन्हें अलग अलग पीढ़ियों में विभाजित किया जाता है ताकि उन्हें समझने में आसानी हो, चलिए कंप्यूटर के इन पाँच पीढ़ियों को विस्तार रूप से समझते है।
पहली पीढ़ी: 1940 - 1956 (Vacuum Tubes)
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर सिस्टम में मेमोरी के लिये सकिट्री और चुम्बकीय ड्रम के लिए वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता था। ये कंप्यूटर operated करने के लिए बहुत महंगे और विशाल होते थे। परंतु इसमे heat की समस्या बहुत थी, पहली पीढ़ी के कंप्यूटर machine language का इस्तेमाल होता था। UNIVAK और ENIAC कंप्यूटर की पहली पीढ़ी के उदाहरण हैं।
दूसरी पीढ़ी: 1956 - 1963 (Transistors)
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी transistors ने पहली पीढ़ी vacuum tubes की जगह ले ली। हालांकि इस कंप्यूटर में भी heat की समस्या अधिक थी, परंतु transistors दूसरी पीढ़ी vacuum tubes से बहुत बेहतर था। जो कि कंप्यूटर की पहली पीढ़ी की तुलना में छोटे, तेज, सस्ते और ऊर्जा से भरपूर थे। इसमे हाई लेवल programming language का इस्तेमाल किया जा रहा था, जैसे.. COBOL और FORTRAN.
तीसरी पीढ़ी: 1964 - 1971 (Integrated Circuits)
कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी में Integrated circuits का उपयोग किया गया। transistors को छोटा करके Silicon chip में रखा गया, जिसे अर्धचालक कहा जाता है। जिसने कार्य करने की गति और दक्षता में काफी सुधार की।
पहली बार तीसरी पीढ़ी में punched card और printout के बजाय, उपयोगकर्ताओं ने keyboard और monitor का उपयोग किया। और फिर इसे मार्केट में लाया गया।
चौथी पीढ़ी: 1971 - 1985 (Microprocessors)
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी में Microprocessors का इस्तेमाल किया गया, जिससे हजारों एकीकृत सर्किट एक Solo Silicon chip पर बनाए गए थे। जिससे कि मशीन का आकार कम करने में बहुत आसानी हुई।
वक़्त और तकनीकी में बदलाव के अनुसार ये कम्प्यूटर अधिक शक्तिशाली होते गए, फिर उन्हें एक ही नेटवर्क पर connect करने के लिये इंटरनेट का खोज किया गया।
पाचवीं पीढ़ी: 1985 - present (Artificial intelligence)
पाचवीं पीढ़ी के Artificial intelligence के कंप्यूटरिंग डिवाइस अभी भी विकास अभी भी है, और अब ये नई नई तकनीकी जैसे speech recognition, parallel processing, quantum calculation और अन्य technology जैसे उपयोग होने लगे है।
कंप्यूटर के इस पाचवीं पीढ़ी में Artificial intelligence होने के वजह से खुद ही फैसला लेने की छमता आ चुका है। और भविष्य में धीरे धीरे इसका कार्य automatic भी हो सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस पोस्ट में हमनें आपको बताया कि कंप्यूटर क्या है, कंप्यूूूूटर से जुड़ी लगभग सभी जानकारी दी, मुझे उम्मीद है कि आप अच्छे से कंप्यूटर से संबंधित लगभग सभी जानकारी समझ गए होंगे, यदि फिर आपका कोई सवाल है तो कमेंट्स में टिप्पणी जरूर करें।
data की प्रोसेसिंग (CPU) द्वारा की जाती है, इसके बाद वह Data आउटपुट डिवाइस (Monitor, Printer, Speaker) को भेज दिया जाता है, जिसके बाद आप देख, सुन, और प्रिंट कर सकते हैं।
6. कंप्यूटर का इतिहास (history of computer)
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि कंप्यूटर का शुरुआत 19 वीं सदी के दौरान Charles Babbage द्वारा शुरू हुई थी उन्होंने
Analytical engine को डिज़ाइन किया था। जो आज के समय के कंप्यूटरो का मूल ढांचा आधारित है।
कंप्यूटर को पांच पीढ़ियों में Classified किया जा सकता है। कंप्यूटर की पीढ़िया यानी कि जैसे जैसे कंप्यूटर में विकास होते गए उन्हें अलग अलग पीढ़ियों में विभाजित किया जाता है ताकि उन्हें समझने में आसानी हो, चलिए कंप्यूटर के इन पाँच पीढ़ियों को विस्तार रूप से समझते है।
7.कंप्यूटर की विभिन्न पीढ़िया (Generation of computer)
पहली पीढ़ी: 1940 - 1956 (Vacuum Tubes)
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर सिस्टम में मेमोरी के लिये सकिट्री और चुम्बकीय ड्रम के लिए वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता था। ये कंप्यूटर operated करने के लिए बहुत महंगे और विशाल होते थे। परंतु इसमे heat की समस्या बहुत थी, पहली पीढ़ी के कंप्यूटर machine language का इस्तेमाल होता था। UNIVAK और ENIAC कंप्यूटर की पहली पीढ़ी के उदाहरण हैं।
दूसरी पीढ़ी: 1956 - 1963 (Transistors)
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी transistors ने पहली पीढ़ी vacuum tubes की जगह ले ली। हालांकि इस कंप्यूटर में भी heat की समस्या अधिक थी, परंतु transistors दूसरी पीढ़ी vacuum tubes से बहुत बेहतर था। जो कि कंप्यूटर की पहली पीढ़ी की तुलना में छोटे, तेज, सस्ते और ऊर्जा से भरपूर थे। इसमे हाई लेवल programming language का इस्तेमाल किया जा रहा था, जैसे.. COBOL और FORTRAN.
तीसरी पीढ़ी: 1964 - 1971 (Integrated Circuits)
कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी में Integrated circuits का उपयोग किया गया। transistors को छोटा करके Silicon chip में रखा गया, जिसे अर्धचालक कहा जाता है। जिसने कार्य करने की गति और दक्षता में काफी सुधार की।
पहली बार तीसरी पीढ़ी में punched card और printout के बजाय, उपयोगकर्ताओं ने keyboard और monitor का उपयोग किया। और फिर इसे मार्केट में लाया गया।
चौथी पीढ़ी: 1971 - 1985 (Microprocessors)
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी में Microprocessors का इस्तेमाल किया गया, जिससे हजारों एकीकृत सर्किट एक Solo Silicon chip पर बनाए गए थे। जिससे कि मशीन का आकार कम करने में बहुत आसानी हुई।
वक़्त और तकनीकी में बदलाव के अनुसार ये कम्प्यूटर अधिक शक्तिशाली होते गए, फिर उन्हें एक ही नेटवर्क पर connect करने के लिये इंटरनेट का खोज किया गया।
पाचवीं पीढ़ी: 1985 - present (Artificial intelligence)
पाचवीं पीढ़ी के Artificial intelligence के कंप्यूटरिंग डिवाइस अभी भी विकास अभी भी है, और अब ये नई नई तकनीकी जैसे speech recognition, parallel processing, quantum calculation और अन्य technology जैसे उपयोग होने लगे है।
कंप्यूटर के इस पाचवीं पीढ़ी में Artificial intelligence होने के वजह से खुद ही फैसला लेने की छमता आ चुका है। और भविष्य में धीरे धीरे इसका कार्य automatic भी हो सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस पोस्ट में हमनें आपको बताया कि कंप्यूटर क्या है, कंप्यूूूूटर से जुड़ी लगभग सभी जानकारी दी, मुझे उम्मीद है कि आप अच्छे से कंप्यूटर से संबंधित लगभग सभी जानकारी समझ गए होंगे, यदि फिर आपका कोई सवाल है तो कमेंट्स में टिप्पणी जरूर करें।
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